स्वास्थ्य बीमा | Health Insurance खरीदने से पहले 7 बातें जो आपको अवश्य जाननी चाहिए | 7000 बचाएं

स्वास्थ्य बीमा | स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले 7 बातें जो आपको अवश्य जाननी चाहिए | 7000 बचाएं

स्वास्थ्य बीमा अब हुआ आसान! इस वीडियो को देखें जो बेस कवर, टॉप-अप और सुपर टॉप-अप योजनाओं के बीच अंतर बताता है। जानें कि अपने स्वास्थ्य जोखिम कवरेज को कैसे बढ़ाएं और अस्पताल में भर्ती होने के दौरान अपनी पॉलिसी को फिर से भरने का लाभ उठाएं। सूचित रहें और अपने स्वास्थ्य बीमा का अधिकतम लाभ उठाएँ। अपने कवरेज को अनुकूलित करने पर स्पष्ट मार्गदर्शिका प्राप्त करने के लिए अभी देखें। स्वास्थ्य बीमा अभी खरीदें

Introducation

1] आधार कवर क्या है What is the base cover

2] हमें स्वास्थ्य बीमा क्यों लेना चाहिए  Why should we take health insurance

3]स्वास्थ्य बीमा टॉप-अप और सुपर टॉप-अप  : Health insurance top-up and super top-up 

4] बहाली क्या है :What is restoration

5] सीमा और कमरे के किराये की सीमा Sub limit & room rent limit

6] डे केयर उपचार और :  ओपीडी  Day Care treatment & OPD

7]  सह-भुगतान क्या है  What is co-pay

8]कैशलेस और प्रतिपूर्ति क्या है प्रक्रिया What is cashless and reimbursement process

9] प्रतीक्षा अवधि और पहले से मौजूद बीमारियाँ  Waiting period & pre-existing diseases

9] स्वास्थ्य बीमा खरीदें  Buy health insurance

10] नो क्लेम बोनस क्या है  What is no claim bonus

11]  पॉलिसी बाज़ार  Policy Bazaar

1] आधार कवर क्या है  What is the base cover

2] हमें स्वास्थ्य बीमा क्यों लेना चाहिए Why should we take health insurance

3]स्वास्थ्य बीमा टॉप-अप और सुपर टॉप-अप  :Health insurance top-up and super top-up 

टॉपअप को समझते हैं टॉपअप एक ऐसी पॉलिसी है जो बेस कवर के ऊपर आप ले सकते हो मान लीजिए आपके पास 5 लाख का बेस कवर है और उसके ऊपर आप 5 लाख का टॉपअप लेते हैं तो आपकी टोटल इंश्योर्ड अमाउंट कितने 10  लाख की अब आप पूछेंगे अगर टॉपअप ये चीज है
    तो फिर सुपर टॉपअप क्या है और इसे समझने के लिए हम एक छोटी सी स्टोरी समझ लेते हैं
     जिससे आपको टॉप अप सुपर टॉपअप और आपको क्या लेना चाहिए उसकी आईडिया आ जाएगी मुंबई के बंडा में एक हॉस्टल में दो फ्रेंड्स रहते हैं एक का नाम होता है टॉप संदीप और दूसरे का नाम होता है सुपर विवेक ये दोनों फिर एक दिन डिसाइड करते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना है पॉलिसी बाजार की वेबसाइट पर जाते हैं और वहां पर इंश्योरेंस देख के डिसाइड करते हैं कि हम ₹500000 की एक बेस कवर पॉलिसी ले लेते हैं 5 लाख की पॉलिसी लेने के बाद संदीप देखता है
                       इसके ऊपर हमें टॉपअप भी लेना चाहिए तो संदीप क्या करता है 5 लाख का टॉपअप ले लेता है क्योंकि टॉपअप पर जो प्रीमियम है वो थोड़ा कम रहता है वहीं पर जो विवेक है वो टॉपअप और सुपर टॉपअप दोनों चीजें देख लेता है ये क्या होता है मैं थोड़ा आपको बाद में बताता हूं अब जो विवेक है वो भी 5 लाख का बेस कवर लेता है और उसके ऊपर 5 लाख का टॉप अप नहीं बल्कि सुपर टॉप अप लेता है
        जिसके लिए उसको थोड़ा ज्यादा प्रीमियम पे करना पड़ता है लेकिन उसे लगता है कि हां यह सही है तो ऐसे में दोनों की जो टोटल इंश्योर्ड अमाउंट है वोह 10 लाख हो गई 5 लाख का बेस कवर और संदीप की केस में 5 लाख का टॉप अप विवेक के केस में 5 लाख का बेस कवर और 5 लाख का सुपर टॉप अप और इंश्योरेंस खरीद के दोनों फिर आराम से बैठ जाते कि चलो यार हमने अपना काम कर लिया अब अब कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आती है तो हमें डरने की जरूरत नहीं है इसी बीच 2020 का मार्च महीना आ जाता है कोरोना की केसेस धीरे-धीरे बढ़ने लगती है
             इन लोगों को भी कुछ सिम्टम्स देखने शुरू हो जाते हैं तो सबसे पहला सिमम टॉप संदीप को दिखता है वह हॉस्पिटल जाता है टेस्ट करवा लेता है तो पता चलता है कि उसे कोविड हो गया अब सुपर विवेक उसके साथ ही रहता है तो इससे भी थोड़े बहुत सिम्टम्स दिखने शुरू हो जाते हैं ये भी चला जाता है हॉस्पिटल टेस्ट करता है पता चलता है इसे भी कोविड हो गया दोनों के दोनों हॉस्पिटल चले जाते हैं एडमिट हो जाते हैं और फिर लगभग 15 दिन बाद इन्हें डिस्चार्ज मिल जाता है
       इनके हाथ में एक बिल थमाया जाता है जो कि निकल कर आता है 7 लाख का अब दोनों की जो टोटल इंश्योर्ड अमाउंट थी वो 10 लाख थी दोनों भी अपने-अपने इंश्योरेंस क्लेम करते हैं और और इन दोनों को अपना पूरा क्लेम मिल जाता है यानी इनको जेब से कुछ भी पे करने जरूरत नहीं पड़ती है अब यहां पर अमन करते हैं कि उस इंश्योरेंस पॉलिसी में कोविड जो है वो इंक्लूड था अब दोनों को पता चलता है कि ती लाख का इंश्योरेंस हम अभी भी बाकी है 7 लाख तो हमने क्लेम कर लिया तीन बाकी है चार पांच महीने हो जाते हैं
         दोनों फिर से बीमार पड़ जाते हैं फिर से उनको हॉस्पिटलाइज किया जाता है दोनों को एक साथ ही और फिर दोनों एक साथ ही ठीक हो जाते हैं इस टाइम जो बिल निकल कर आता है वो निकल कर आता है 2 लाख का तो दोनों भी क्लेम कर लेते कि हमारी लिमिट 3 लाख की बाकी है दो का इंश्योरेंस कंपनीस क्लेम करते हैं इंटरेस्टिंग सरप्राइजिंगली यहां पर सुपर विवेक का जो क्लेम है वो पास हो जाता है टॉप संदीप का रिजेक्ट हो जाता है टॉप संदीप गुस्से में चला जाता   इंश्योरेंस कंपनी के पास बोलता है कि ये कैसे पॉसिबल है आप ऐसा कैसे कर सकते हैं

4] बहाली क्या है :What is restoration

5] सीमा और कमरे के किराये की सीमा Sub limit & room rent limit
6] डे केयर उपचार और :  ओपीडी  Day Care treatment & OPD

   डे केयर ट्रीटमेंट और ओपीडी यानी आउट पेशेंट डिपार्टमेंट यह दोनों भी अलग-अलग चीजें हैं कई सारे लोग इसमें कंफ्यूज हो जाते हैं ये कंफ्यूजन कहां वो मैं एक बार आपको बता देता हूं देखिए पहले के कुछ साल पहले यानी 1015 साल पहले एक जो ऑपरेशन था कैटरेक्ट का उसमें दो-तीन दिन जनरली एक दो दिन लग जाते थे जिसके लिए हॉस्पिटलाइज होना पड़ता था लेकिन अब टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स की मदद से अभी कुछ ही टाइम में यह ऑपरेशन हो जाता है और ओवरऑल मतलब चार पाच घंटे में सारी प्रोसेस होकर आपको डिस्चार्ज भी मिल जाता है और धीरे-धीरे टाइम कम ही होता जा रहा है तो ऐसे में ज्यादातर जो इंश्योरेंस पॉलिसीज है उसमें डे केर ट्रीटमेंट जो है वो इंक्लूड नहीं होता है जनरली वही चीजें इंक्लूड होती है जहां पर आपको जो हॉस्पिटल लाइजेशन है वो 24 आवर से ज्यादा होता है अब ऑफकोर्स अगेन इंश्योरेंस कंपनी है तो अगर यह आपको चाहिए डे के ट्रीटमेंट तो उसके लिए आपको एक्स्ट्रा प्रीमियम पे करना पड़ेगा ओपीडी में भी लोग कंफ्यूज हो जाते हैं आउट पेशेंट डिपार्टमेंट यानी हमें

सर्दी जुकाम हो गया हम डॉक्टर के पास चले गए डॉक्टर ने गोलिया लिख कर दी चलिए चले जाओ ये चीजें ज्यादातर इंश्योरेंस में कवर नहीं होती है जनरल कोई भी आप नॉर्मल हेल्थ इंश्योरेंस लेंगे तो उसमें कवर नहीं होती है

अगर आपको यह भी चाहिए तो अगेन आपको ज्यादा प्रीमियम पे करना पड़ता है अब इसे कैसे फाइनलाइज करें तो आप देख सकते हैं कि आपके जो जो जनरल डे केयर या ओपीडी के एक्सपेंसेस हैं वो सालाना आप नोट डाउन करके पता कीजिए कितने जाते हैं और इस हिसाब से आप हेल्थ इंश्योरेंस देख लीजिए कि एक्स्ट्रा प्रीमियम आपसे कितना मांग रहे हैं अगर आपके लिए वो सेंस बनाता है तो Then You Can Go With This Rider इसमें मतलब जब आप हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो आपको डे केयर राइडर या फिर ओपीडी राइडर का ऑप्शन मिलता है जो आप उस हेल्थ इंश्योरेंस के साथ-साथ ले सकते हैं लेकिन वो आपके लिए सेंस बनाता या नहीं बनाता ये डिपेंड करता है कि आपके इनके खर्चे कितने चलते हैं ऑन एन एवरेज एनुअली

7]  सह-भुगतान क्या है  What is co-pay

   Co-pay का मतलब मतलब यहां पर कई सारे लोग कंफ्यूज हो जाते कि बहुत सारे लोगों को मिलके पैसा पे करना है क्या कोपे का सिंपल सा मतलब यह है कि कुछ पैसा इंश्योरेंस कंपनीज पे करेगी कुछ पैसा आप पे करेंगे अब देखिए कई सारी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जिसमें कोपे की एक टर्म लिखी हुई होती है और इसलिए मैं हमेशा सजेस्ट करता हूं कि आप जैसे पॉलिसी बाजार पर भी जा रहे हो और कंपेयर कर रहे हैं ना तो आपको पॉलिसी डॉक्यूमेंट दिखता है ये 10 से 15 पेजेस का जो पॉलिसी डॉक्यूमेंट है ये पढ़ना आपको जरूरी है क्योंकि ये जो सारे क्लॉज हैं ये इसी में है कि कोपे का क्लॉज कितना है अब ये जो कोपे होता है ये कुछ परसेंटेज में हो सकता है जैसे कि 10 पर का कोपे है और आपका बिल मान लीजिए निकल कर आता है ₹ लाख  का तो ₹ लाख का जो % यानी ₹2000000 वो आपको पे करने पड़ेंगे बचे हुए 80000 जो है वो इंश्योरेंस कंपनीज पे करेगी तो जनरली आप ट्राई कीजिए ऐसी पॉलिसी हो जिसमें कोपे ना हो अगर हो तो बहुत कम हो क्योंकि कई बार फिर ऐसे जेब से आपका काफी सारा पैसा जाता रहता है तो उसके लिए ये सारी चीजें अच्छी नहीं है उसके साथ ही आपको जो पॉलिसी डॉक्यूमेंट होते हैं उसमें एक और चीज देखने मिलती है वो है कि प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन मान लेते हैं कि आप 25 डिसंबर को हॉस्पिटल में एडमिट हो जाते हैं और 38 डिसंबर को आपको डिस्चार्ज मिलता है और आपने ली हुई पॉलिसी में ऐसा लिखा है कि 90 डेज प्री हॉस्पिटलाइजेशन और 180 डेज पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर है तो इसका मतलब है कि 25 दिसंबर से पहले के जो 90 डेज हैं और 308 दिसंबर के बाद जो 180 डेज है ऐसे कुल मिलाकर 275 डेज के जितने भी मेडिकल एक्सपेंसेस रहेंगे वो इस पॉलिसी में कवर हो जाएंगे

8] कैशलेस और प्रतिपूर्ति क्या है प्रक्रिया What is cashless and reimbursement process

अब हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त एक और चीज आपको ध्यान में रखनी है कि आपकी जो इंश्योरेंस पॉलिसीज है वो कैशलेस या फिर उसमें रि इंबर्समेंट प्रोसेस फॉलो की जाती है तो देखिए रि इंबर्समेंट में क्या होता है कि बिल पहले आपको पे करना है फिर वह कंपनी पे करेगी लेकिन इसमें कई बार

  अगर बड़ा बिल निकल कर आता है तो आपके लिए प्रॉब्लमैटिक हो जाता है कि आप वो पैसे कहां से मैनेज करेंगे तो इसलिए बेटर है कि आप जो भी पॉलिसी लो कैशलेस हो लेकिन कैशलेस के लिए यह भी जरूरी है कि उस इंश्योरेंस कंपनीज के आपके सिटी में ज्यादा से ज्यादा हॉस्पिटल्स के साथ टाई अप हो तो सिर्फ अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के साथ-साथ आपको यह भी देखना पड़ेगा कि कितने जो हॉस्पिटल्स है आपके शहर में उनके साथ उनका टाईअप है

 और यह चीज आपको हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते वक्त ही देखनी है तो हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना ओवरऑल आप समझ सकते हैं कि ऐसे 2 मिनट का काम नहीं है थोड़ा आपको टाइम स्पेंड करना पड़ेगा इस इसके एनालिसिस में लेकिन ये सारी टर्म समझने के बाद मुझे नहीं लगता कि आपको आधा घंटे से ज्यादा लगना चाहिए किसी भी एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को सिलेक्ट करने के लिए उसके बाद आता है

9] प्रतीक्षा अवधि और पहले से मौजूद बीमारियाँ  Waiting period & pre-existing diseases

वेटिंग पीरियड फॉर प्री एसिस्टिंग डिजीसस कई बार लोग सोचते हैं कि हमें कोई ऑपरेशन पहले कोई बीमारी है व ऑपरेशन करना है तो उसके लिए फिर तुरंत हेल्थ इंश्योरेंस खरीदो ताकि दो-तीन महीने बाद जो ऑपरेशन है

उसका खर्चा हेल्थ इंश्योरेंस से ही निकल कर आए लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी भी बहुत होशियार है और उन्हें पता है कि ये चीजें हो सकती है

     इसीलिए वो क्या करते हैं कि जो जो प्री एक्जिस्टिंग डिजीसस हैं उनके लिए लंबा वेटिंग पीरियड रखते हैं कई बार वह साल दो साल या फिर उससे ज्यादा का होता है देखिए नॉर्मल जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है उसमें 30 डेज का नॉर्मल वेटिंग पीरियड होता है नॉर्मल वेटिंग पीरियड मतलब कि आपको कुछ भी होता है तो पहले 30 दिन में आप क्लेम नहीं कर सकते 30 दिन के बाद ही आप कर सकते हैं

   बेसिक भी कुछ होता है तो अब यहां पर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं उन्हें लगता है कि पहले से हमारे पास कोई बीमारी है तो उसका भी इलाज हम 30 दिन के बाद शुरू कर सकते हैं और उस पर क्लेम ले सकते हैं

  लेकिन ऐसा नहीं होता है उनके लिए अलग वेटिंग पीरियड होता है तो वेटिंग पीरियड अलग-अलग चीजों के लिए अलग होता है नॉर्मल के लिए अलग प्री एक्जिस्टिंग के लिए अलग तो तो इसका सलूशन क्या है कि आप जब यंग हो जैसे 20 25 30 साल के हो तब आपको कोई डिजीज होने के चांसेस बहुत कम होते हैं ऐसी एज में अगर आप यंग एज में कोई भी इंश्योरेंस लेंगे तो बाद में आपके लिए वो बेनिफिशियल रहेगा फिर आपने लेने के बाद इंश्योरेंस लेने के बाद आपको कोई डिजीज भी होता है तो उसके फिर आपको चिंता नहीं करनी है वो इंश्योरेंस कंपनी उसको कवर कर लेगी

  तो इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस को कभी में मत टाली जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी अपने आप को और अपनी पूरी फैमिली को जरूर कवर कीजिए

9] स्वास्थ्य बीमा खरीदें  Buy health insurance

तो अब देरी करने का कोई भी ऑप्शन मैंने आपके सामने नहीं रखा है सारी चीजें आपके लिए आशा करता हूं बहुत क्लियर हो गई होगी तो अभी नीचे दी गए लिंक पर क्लिक करके आप हेल्थ इंश्योरेंस लिए प्रोसेस कीजिए और अपने आप को बेस कवर एक अच्छे से सुपर टॉपअप से कवर कर लीजिए ताकि आप और अपनी फैमिली को जेब से ज्यादा पैसे खर्च ना करने पड़े

इंश्योरेंस कंपनीज तो चाहती है कि आप कंफ्यूज रहो जिससे उनका फायदा हो लेकिन यह सारी चीजें अगर आप अच्छे से समझते हैं तो आप कम से से कम कॉस्ट में अच्छा सा अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं जैसे कि मैंने आपको बोला कि बेस कवर ले लिया उसके ऊपर बड़ा सा टॉपअप ले लो राद देन एक बहुत बड़ा बेस कवर लेना तो ये सारी चीजें छोटी-मोटी जो भी मैंने चीजें बताई जैसे कि रिफी वगैरह वो सारी चीजें सबके साथ शेयर कीजिए सबको बताइए फैमिली whatsapp-web शॉकिंग है और जैसे जिस हिसाब से एक्सपेंसेस बढ़ रहे हैं मेडिकल उस हिसाब से ये सारी चीजें समझना और अभी एक्ट करना बहुत जरूरी है

10] नो क्लेम बोनस क्या है  What is no claim bonus
11]  पॉलिसी बाज़ार  Policy Bazaar

   Policy Bazaar पर आप 50 से ज्यादा इंश्योरेंस कंपनीज की पॉलिसीज को कंपेयर कर सकते हैं और बड़े आसानी से वहां पर बेस्ट इंश्योरेंस खरीद सकते हैं हेल्थ इंश्योरेंस का एक और बेनिफिट आपको बता दूं जो गवर्नमेंट प्रोवाइड करती है वो है इन टर्म्स ऑफ टैक्स डिडक्शन अंडर सेक्शन 80d आप 75000 तक का टैक्स यहां पर बचा सकते हैं Policy Bazaar पर आप 1 करोड़ तक का इंश्योरेंस ले सकते हैं स्टार्टिंग फ्रॉम जस्ट ₹ 3390 पर मंथ इसी के साथ आपको मिलता है क्लेम सपोर्ट और डेडिकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर जो आपको प्लान कंपैरिजन में और क्लेम सेटलमेंट में हेल्प करेगा 

आशा करता हूं कि सारी चीजें आपको समझ में आ गई होगी और एक अगेन रिक्वेस्ट करूंगा शेयर जरूर कीजिए और जो 10 से 15 पेजेस का जो पॉलिसी डॉक्यूमेंट है उसे भी पढ़ना मत भूलिए क्योंकि सारी जो इंटरेस्टिंग चीजें हैं कई सारी हिडन चीजें भी होती है वो वहीं पर छुपी आपको मिलती है जो आपको सीधा Policy Bazaar पर भी मिल जाती

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